MEP kya hai ? mep ka full form ? mep ke component ?
MEP 3 चीजों से मिलकर बना हुआ है। पहला है मैकेनिकल दूसरा है इलेक्ट्रिकल और तीसरे प्लंबिंग I
तो कंबाइंडली मैकेनिकल इलेक्ट्रिकल और plumbing की सर्विसिंग को ही MEP कहा जाता है ,पर इसे m&e भी बोलते हैं मैकेनिकल एंड इलेक्ट्रिकल टूल्स के तीन PART हैं, उसमें से हम बात करते हैं सबसे पहले मैकेनिकल के बारे में ,
मैकेनिकल के दो हिस्से हैं। पहला है फायर फाइटिंग और दूसरा है HVAC . फायर फाइटिंग जैसा कि नाम से ही पता लग रहा है। इसमें क्या होता है कि हम आग से सुरक्षा करने के इंतजाम बात करते हैं। कहां पर करते हैं जहां पर ऐसी संभावनाएं हैं कि लोग ज्यादा से ज्यादा इकट्ठे हो रहे हैं जैसे की हमारे पब्लिक प्लेसिस सिनेमाघर हॉस्पिटल जहां पर भी पब्लिक की गैदरिंग ज्यादा हो सकती हो वहां पर हमें आग से सुरक्षा karni hoti hai
Fire safety करने के उपकरण लगाने पड़ते हैं अगर वहां अनफॉर्चूनेटली कोई आग लग जाती है तो हमें उसे इंसटैंटली रोकने के लिए वहां पर सुरक्षा इंतजाम बात करने पड़ते हैं।
दूसरा part है hvac , HVAC का मतलब है heating, वेंटिलेशन और एयर कंडीशनिंग I अब वेंटिलेशन और एयर कंडीशनिंग कि हमें कहां जरूरत पड़ sakti hai . तापमान को ज्यादा करना जब भी सर्दी आती हैं तो हमारा टेंपरेचर बहुत ही ज्यादा डाउन हो जाता है तब बिल्डिंग में हमें हीटिंग की जरूरत पड़ती है ताकि टेंपरेचर को मनुष्य की बॉडी के अनुकूल बनाया जा सके। MEP
वेंटिलेशन कि हमें कहां जरूरत पड़ती है, इसका मतलब होता है हवा का प्रसार या ईयर का सरकुलेशन जब हम किसी बंद एरिया में रहते हैं तो वहां पर air का सरकुलेशन नहीं हो पाता। उससे क्या होता है कि ऑक्सीजन की मात्रा धीरे-धीरे कम हो जाती है और कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा धीरे-धीरे बढ़ जाती है तो इससे लोगों को घुटन का एहसास hota hai .इसलिए हम वहां पर ऐसी व्यवस्था करते हैं कि हवा का प्रॉपर सरकुलेशन बन सके। इसे part को हम क्या बोलते हैं वेंटिलेशन (MEP)
और तीसरा part hai कंडीशनिंग
एयर कंडीशनिंग का मतलब होता है तापमान को कम करना और heat को दूर करना ,जब भी हमारे यहां पर गर्मी आती है तो क्या होता है टेंपरेचर बहुत ही ज्यादा बढ़ जाता है और वह हमारी बॉडी के हमारे शरीर के अनुकूल नहीं रहता और हमें चिट्ठीपचिपा पन का अहसास होने लगता है। तब हम क्या करते हैं तब हम एयर कंडीशनिंग की टेक्निक से वहां पर तापमान को कम करने की कोशिश करते हैं तो इसमें हम यही सीखते हैं, बिल्डिंग सेटिंग की जाए। कैसे वहां पर वेंटिलेशन बनाया जाए और कैसे वहां पर एयर कंडीशनिंग की जाए और फायर फाइटिंग में हम सीखते हैं कि कैसे किसी बिल्डिंग की आग से सुरक्षा की जाए।
दोस्तों दूसरा हमारा Plumbing में पानी से जुड़े हुए जितने भी काम होते हैं जो भी इंजीनियरिंग होती है वह हमारी प्लंबिंग के अंतर्गत आती है इसको हमने 5 हिस्सों में बांटा है।
पहला है वॉटर ट्रीटमेंट –MEP
पानी को पीने लायक बनाना हमारे घरों में जो भी पानी आता है uska उसका PH हाई होता है उसमें जो सॉलिड पार्टिकल्स होते हैं वह बहुत ज्यादा मात्रा में होते हैं। उसका डीडीए स्थाई होता है तो उसको हम डिफरेंट डिफरेंट टेक्निक्स पीने के लायक बनाते हैं। उसको क्या बोलते हैं WATER का ट्रीटमेंट
दूसरा है WATER कार्ड डिस्ट्रीब्यूटर एंड WATER बेस्ट वाटर कलेक्शन शुद्ध पानी को उपयोग में लाना और खरा पानी को इकट्ठा करना I जब दोस्तों हमारा पानी पीने के लायक बन जाता है तब हमें उसे डिफरेंट डिफरेंट प्लेसिस पर पहुंचाना होता है। जैसे हमारी किचन हमारा टॉयलेट वहां पर हम उसे करते हैं और फिर वह बेस्ट वॉटर बन जाता है। फिर हम उसको इकट्ठा करते हैं।MEP
तीसरा हमारा hai वेस्ट वाटर का मैनेजमेंट -खराब पानी को दोबारा इस्तेमाल के लायक बनाना।
दोस्तों हम सभी जानते हैं कि पानी हमारे लिए अमूल्य है जो पानी हमारा वेस्ट हो जाता है हमारी किचन में और हमारी टॉयलेट के थ्रू उसको हम कैसे यूज कर सके, कैसे दोबारा इस्तेमाल में ला सकें इस कांटेस्टौन बोलते वेस्ट वाटर मैनेजमेंट इन वॉटर मैनेजमेंट
हम सभी जानते हैं कि हमारे यहां पर बहुत ज्यादा बारिश होती है इंडिया में भारत में तो बरसात का जो पानी होता है हम चाहते कि वह भी किसी तरह हमारे काम में आ सके बरसात के पानी को उपयोग में कैसे लाया जाए। इसको हम बोलते हैं और water का मैनेजमेंट
और पांचवां है,पब्लिक एंटरटेनमेंट—MEP
एंटरटेनमेंट के लिए वॉटर रिलेटेड जो भी एनटीटी होती हैं जैसे स्विमिंग पूल, स्पा फाउंटेन और वोटर बॉडी उन सभी में भी प्लंबिंग का ही यूज होता है। हम plumbing की इंजीनियरिंग के थ्रू ही इन चीजों को बना सकते हैं। यह कैसे बनती है यह सीख सकते हैं
दोस्तों एमईपी का तीसरा और सबसे इंपोर्टेंट पार्ट hai इलेक्ट्रिकल।
इलेक्ट्रिकल को हमने चार भागों में बांटा हुआ है।
पहला भाग है पावर इलेक्ट्रिकल —-जितने भी हमारे हाई वोल्टेज के काम होते हैं कितनी हाई वोल्टेज 40 वोल्ट से लेकर 750000 volt तक के जितने भी काम होते हैं उनको हमने पावर इलेक्ट्रिकल की कैटेगरी में रखा है।
दूसरा है लाइटिंग –दोस्तों, लाइटिंग इलेक्ट्रिकल की एक अलग ही फील्ड है। लाइटिंग में बहुत सारे इफेक्ट होते हैं। यह हमारी घरों में भी यूज होती है। हमारी रोड पर भी यूज होती है जब हम कोई स्टेडियम बनाते तू ज्योति स्टूडियो बनाते हैं अलग तरीके के लिएाइट को समझने के लिए।
तीसरा है एक्स्ट्रा लो वोल्टेज — जितने भी लो वोल्टेज के वर्क होते हैं कितने लोग वोल्टेज 0 वोल्ट से लेकर 24 volt क के बीच के कौन से काम होते हैं यह काम होते सिक्योरिटी से जुड़े हुए पर किसी भी प्लेस कि किसी भी बिल्डिंग की सिक्योरिटी से जुड़े हुए जो वर्क होते हैं उनको एल बी में रखा गया है।
सभी के 5 पार्ट होते हैं।
पहला पाठ होता है एक्सेस कंट्रोल —जब हम किसी बिल्डिंग में यह चाहते हैं कि यहां पर कुछ सीमित लोगों को ही लाया जाए कि नहीं सीमित लोगों का ही इस बिल्डिंग में हो तो वहां पर हम यूज करते एक्सेस कंट्रोल का
दूसरा है सीसीटीवी–कैमरे से जुड़े हुए जितने भी काम होते हैं, जितने भी सुलेशन होते हैं वह सीसीटीवी की कैटेगरी में आते हैं,
तीसरा फायर अलार्म सिस्टम –fire को रोकने के लिए उसको बुझाने के लिए तो हम यूज करते हैं फायर फाइटिंग का लेकिन हमारी बिल्डिंग के।
Building में लगी हुई है कि फ्लोर पर लगी हुई है यह हमें बताता है फायर अलार्म सिस्टम और जहां पर आग लगी हुई है वहां के लोगों को अलर्ट भी कौन करता है फायर अलार्म सिस्टम होता है पब्लिक ऐड्रेसिंग सिस्टर जब हमें किसी ऐसे प्लेस पर जहां पर पब्लिक इकट्ठा हो रखी हो, वहां पर कोई अनाउंसमेंट करने हो या कोई अलर्ट देना हो तो वहां पर यूज होता है। पब्लिक एड्रेस सिस्टम का और
पांचवां और सबसे इंपोर्टेंट पार्ट, एडीएम बिल्डिंग मैनेजमेंट सिस्टम —-पूरे के पूरे एमएपीके जो भी काम होते हैं चाहे वह फायर फाइटिंग एचएमओपी है चाहे वह इलेक्ट्रिकल है अगर हम उन्हें किसी एक रूम में बैठकर किसी के कंप्यूटर पर मॉनिटर करना चाहते हैं। देखना चाहते हैं और वहीं से बैठे-बैठे उन्हें कंट्रोल भी करना चाहते हैं तो हमें सीखना पड़ेगा। बीएमएस उससे जुड़ी भी जितने भी काम होते हैं वह बीएमएस के अंतर्गत आते हैं इलेक्ट्रिकल का चौथा काम।
जितनी भी हमारी हाई राइज बिल्डिंग होती है, वहां पर यूज होता है लिफ्ट का एक्स प्लेयर टका और एलिवेटर का जहां पर एक जगह से दूसरी जगह पर कैसे जाने में बहुत ज्यादा टाइम लगे। वहां पर किस का यूज़ होता है लिफ्ट का यूज़ होता है तो दोस्तों इलेक्ट्रिकल से जुड़ी हुई सभी चीजें हमने आपके सामने रख दी है जो एमईपी में एक ही कैटेगरी में आती है।