आज हम बात करेंगे सुर्खियों में केरल के सिल्वर लाइन प्रोजेक्ट के बारे में जान लेते हैं कि यह चर्चा में क्यों है हाल ही में केरल कैबिनेट ने सिल्वर लाइन प्रोजेक्ट के लिए भूमि अधिग्रहण शुरू करने के लिए ग्रीन सिग्नल दे दिया है। यह सत्तारूढ़ सरकार द्वारा आगे बढ़ाई जा रही बड़ी इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं में से एक है।
अब जान लेते हैं सिल्वर लाइन प्रोजेक्ट के बारे में सेमी हाई स्पीड रेलवे प्रोजेक्ट है। यह राज्य के उत्तरी छोर कासरगोड को राज्य के दक्षिणी छोर तिरुवनंतपुरम से जोड़ता है। इसका मकसद राज्य के उत्तरी एवं दक्षिणी छोर के बीच यात्रा के समय को काम करना है। इस प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत तेरे 60940 करोड रुपए हैं।
रेलवे कॉरिडोर की लंबाई 529.45 किलोमीटर है यह है।11 जिलों से होकर गुजरेगा एवं इसमें 11 रेलवे स्टेशन होंगे जो प्रोजेक्ट बन कर तैयार हो जाएगी तो राज्य के दक्षिणी और उत्तरी छोर के बीच की दूरी तय करने में 200 किलोमीटर प्रति घंटा की चाल से 4 घंटे से भी कम का समय लगेगा। वर्तमान में यह दूरी रेलवे से तय करने में 12 घंटे का समय लगता है।
2025 तक इसेपूरा होने की उम्मीद है ट्रेन की अधिकतम स्पीड 220 किलोमीटर प्रति घंटा होगी। अब जान लेते हैं इससे जुड़ी कुछ अन्य प्रमुख पाते इसका क्रियान्वयन के रंगरेज डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है। केरल रेल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड को के रेल भी कहा जाता है किेरल केरल सरकार और रेल मन।
ज्वाइंट वेंचर है केरल में मौजूदा रेलवे लाइन भविष्य की जरूरतों को पूरा करने में सक्षम है। इसीलिए इस प्रोजेक्ट को लाने की जरूरत पड़ी मौजूदा रेलवे लाइन काफी मोटी हुई है जिसके कारण ज्यादा ट्रेनों की औसतन चार 47 किलोमीटर प्रति घंटा है।
इसी वजह से यात्रा में अधिक समय लगता आप लोड कर लेते हैं आज का अभ्यास प्रश्न केरल के सिल्वर लाइन प्रोजेक्ट के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए। इसका मकसद राज्य के उत्तरी एवं दक्षिणी छोर के बीच यात्रा के समय को कम करना है। दूसरा यह 1 सेमी हाई स्पीड रेलवे प्रोजेक्ट है। उपर्युक्त में से कौन सा कथन सत्य है यही केवल1 और 2 दोनों ना तो।
अगले सेशन में किसी ने टॉपिक के साथ मिलेंगे तब तक
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