फैक्टशीट:
55 स्थानों पर फाइटर जेट भी उतर सकेंगे
• दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे छह राज्यों दिल्ली हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र से निकल रहा है। • 1355 किमी लंबे एक्सप्रेस में से 738 किमी वन चुका है। रोड वर्क चल रहा है। मोटा-मोटा 65% काम हो चुका है। दिल्ली मे एयरपोर्ट (नोएडा है, इससे लंबाई 1386 किमी हो जाएगी। • सालाना 3.2 करोड़ लीटर ईधन बचेगा। इससे करीब 3 हजार करोड़ रुपए बचेंगे। • इसमें 55 जगह ऐसी होंगी, जहा फाइटर प्लेन भी उतर सकेंगे। यानी सामरिक रूप से भी यह एक्स्प्रेस-वे हमारी ताकत dikhate hai

देश की राजधानी दिल्ली को आर्थिक राजधानी मुंबई से जोड़ने वाला देश का सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे कितना बनकर तैयार है, यह जानने के लिए भास्कर टीम ने इस निर्माणाधीन एक्सप्रेस-वे पर यात्रा की। एनएचएआई ने इसके लिए भास्कर टीम को विशेष अनुमति दी। यात्रा के दौरान 1355 किमी हाईवे में से 8 लेन का 738 किमी लंबा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे लगभग तैयार नजर आया। सबसे तेज काम मध्य प्रदेश में दिखा। यहां 244 किमी में से 240 किमी लंबी रोड तैयार हो चुकी है।
अच्छी बात यह है कि है इस एक्सप्रेस-वे का 540 किमी लंबा हिस्सा इस साल खुल जाएगा, ताकि जिन राज्यों में काम पूरा हो चुका है, वहां पर लोगों को इसका लाभ मिलने लगे। शुरुआत इसी महीने 229 किमी लंबे दिल्ली-जयपुर/ दौसा मार्ग से होगी। मार्च में 100 किमी लंबा वडोदरा- अंकलेश्वर और जून में 211 किमी लंबा झालावाड़- एमपी/गुजरात हाईवे खोला जाएगा। पूरा एक्सप्रेस-वे बनने पर दिल्ली-मुंबई का सफर 12 घंटे में पूरा सकेगा, अभी करीब 25 घंटे लगते हैं।
कई मौके ऐसे आए, जब निर्माणाधीन एक्सप्रेस वे पर डेड एंड मिलने से टीम को 30 से 40 किमी वापस आना पड़ा। कई जगह कच्चे मार्गों से घूमकर फिर मुख्य सड़क मिली। एक खास बात यह भी दिखी कि प्रोजेक्ट पूरा होता देख अब इससे फायदा उठाने के लिए राज्यों की योजनाएं भी तैयार हैं। इसमें एक्सप्रेस-वे से कनेक्ट करने के लिए 4 से 6 लेन की सड़कें हैं तो इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के लिए भी जमीनों का अधिग्रहण हो रहा है। कुछ जगहों पर तो निर्माण भी दिखने लगा है।
मध्य प्रदेश और राजस्थान ने इसमें बढ़त बनाई है। इन दोनों राज्यों ने अपने शहरों को इस एक्सप्रेस-वे से जोड़ने के लिए केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से कई प्रोजेक्ट की मंजूरी हासिल कर ली है। उदाहरण के लिए, हरियाणा के पनियाला मोड़ से राजस्थान के अलवर के लिए 86 किमी की सिक्स लेन रोड का काम मार्च में शुरू होगा। इससे पंजाब, हरियाणा वाले वाहनों को सीधे दिल्ली-मुंबई की कनेक्टिविटी मिल जाएगी। यह 1388 करोड़ का प्रोजेक्ट है।
अलवर से भरतपुर के लिए सिक्स लेन रोड प्रोजेक्ट का प्रस्ताव राजस्थान सरकार ने एनएचएआई को भेजा था, जो मंजूर हो गया है। इससे दिल्ली से आने वाले लोग सीधे भरतपुर-आगरा जा सकेंगे। इसी तरह, इस एक्सप्रेस-वे का fayda uthane
के लिए मध्य प्रदेश रतलाम में 1800 हेक्टेयर में मल्टी लॉजिस्टिक पार्क बना रहा है। 3500 करोड़ के इस प्रोजेक्ट के लिए जमीन अधिग्रहण का काम चल रहा है। मंदसौर- रतलाम-झाबुआ – उज्जैन- धार में 10 फोर लेन सड़कों के प्लान तैयार हो रहे हैं, जो एक्सप्रेस-वे से कनेक्ट होंगी। इनकी कुल लंबाई 650 किमी होगी। इस एक्सप्रेस-वे में काम की स्पीड देखते बनती है। इसे पूरा करने की समयसीमा जून 2024 है, लेकिन गडकरी के ऐलान के बाद इसे दिसंबर 2023 में ही पूरा करने की पूरी तैयारी है।
एक्सप्रेस-वे का काम जल्दी हो, इसलिए इसे 54 हिस्सों में बांटकर 23 फर्मों को ठेका दिया गया है। एक्सप्रेस-वे पर अधिकतम गति सीमा 120 किमी/ घंटा रहेगी। सरकार का अनुमान है कि इस बहुप्रतीक्षित हाईवे के शुरू होने से सालाना 12 से 18 हजार करोड़ रुपए टोल के रूप में मिलेंगे। यह एक्सप्रेस- वे बुनियादी ढांचे, कृषि और वाणिज्यिक उत्पादन के विकास को गति देगा। एक्सप्रेस-वे के पास लॉजिस्टिक, बिजनेस पार्क और इंडस्ट्रियल क्लस्टर राज्यों की इकोनॉमी को नई ताकत देंगे।
इस क्षेत्र में फैल रहे टेक्सटाइल, केमिकल और कृषि उद्योगों को नई दिशा मिलेगी। इससे लॉजिस्टक कॉस्ट घटेगी।
महाराष्ट्र और गुजरात इसलिए पिछड़े
अधिग्रहण में देरी के चलते दोनों राज्यों में प्रोजेक्ट धीमा है। महाराष्ट्र में स्ट्रेच 174 किमी लंबा है। 79 किमी पर काम शुरू हो गया है। 77 किमी के पैकेज का टेंडर हॉल में अवॉर्ड हुआ है। 18 किमी का बाकी है।
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