ये काफी हद तक इस बात पर निर्भर करता है की आप नौकरी असल में छोड़ना क्यों चाहते थे। अगर वो वजह सच में पैसे ही थी तो शौक से इस्तीफा वापस ले लीजिये लेकिन अगर बात कुछ और थी तो फिर वो उस बात पर निर्भर करता है की क्या आप ज़्यादा पैसे पाकर अपनी उस वजह से समझौता कर सकते हैं या नहीं।
ऑफिस में अक्सर पैसों को लेकर कम ही लड़ाइयाँ होती हैं (मैंने तो यही देखा है) ज़्यादातर लड़ाइयाँ किसी से काम या किसी और चीज़ को लेकर हुई नाराज़गी से ही होती है। तो ऐसे में मैं अगर अपने निजी अनुभव से कहूं तो ऐसी स्थिति में आपके साथ कुछ यूँ हो सकता है –
- अगर आपको लगता है आप सही है और ऑफिस में भी पलड़ा आपकी तरफ है तो उस ऑफर को आराम से स्वीकार कर लीजिये।
- अगर आपको लगता है की आप सही थे लेकिन वहां किसी को आप पर भरोसा ही नहीं है और शायद आगे भी ना हो पाए तो उस ऑफर को आप अस्वीकार कर सकते हैं क्योंकि एक कम्पनी में एक्सपीरियंस के बाद अगली कम्पनी में सैलरी की चिंता शायद आपको ज़्यादा नहीं करनी चाहिए।
- अगर सभी आपके साथ है लेकिन आप जानते हैं की गलती आपकी ही थी तो मिनट से पहले वहां से रफूचक्कर हो जाइये और अपनी गलती को भी स्वीकार कीजिये।
- अगर बात पक्षपात वाली लड़ाई की है तो आपको कही जाने की ज़रुरत नहीं है क्योंकि आप ऐसे लोगों से कही भी बच नहीं सकते हैं वो आपको हर जगह मिलेंगे। अगर आज उनसे भागते हैं तो हमेशा भागते ही रहेंगे।
खुद को मज़बूत बनाइये और हर परिस्थिति में खुद को संभालना सीखिए क्योंकि दुनिया में सिर्फ ड्रैकुला ही नहीं रहते।
मैं वैसे आपके सवाल से ही सहमत नहीं हूँ। आपका सवाल कहता है, पैसे की वजह से अपने निर्णय बदले जा सकते हैं जबकि मैं कहता हूँ की पैसों की वजह से अपने निर्णय बदले ही नहीं जा सकते सिवाय कुछ ख़ास परिस्थितियों के।
ओवर एन आउट
यह आप पर निर्भर करता है की आप इस्तीफा क्यों दे रहे है इस्तीफा देने की पीछे कोई न कोई वजह होती है .
अगर आप खुद का व्यापार करना चाहते है तो पैसे बढाकर भी नोकरी करने का कोई फायदा नहीं .
अगर आप कंपनी के नियमो से परेशान है या दूसरी कोई वजह है तो पहले आप मेनेजर से बात करे इस्तीफा देने का विषय तो बाद का है आप पहले ये जान ले मेनेजर कितने पैसे बढ़ाकर देने वाला है उसके बाद आप मार्केट की स्थिती को जाने की क्या आप इस कंपनी की आय जितना ही या उससे ज्यादा दूसरी कंपनी में हासिल कर पायेंगे .इस आधार पर सही निर्णय ले
आज की जिंदगी में पैसे का बहुत महत्व है इस्तीफे के बाद आपकी जिंदगी कैसी होंगी इस बात का काल्पनिक द्रश्य अपने मन में लाइये और फिर निर्णय ले
इस्तीफा देने से पहले आपके पास दूसरा कोई विकल्प होना चाहिए
अगर आप अपने हुनुर \ टैलेंट को try करना चाहते है तो जॉब मत छोड़िये आप पार्ट टाइम उसी कंपनी में जॉब करे
कोशित करो कंपनी के मालिक से बात करने की क्योकि मेनेजर के साथ साथ आपकी मेहनत आपके बॉस की नज़रो में आना चाहिए .आपके जॉब छोड़ने से कंपनी को तकलीफ होंगी ये बात बात मेनेजर से ज्यादा मालिक को पता होनी चाहिए
कंपनी में अपने काम की क्रिएटिविटी को इतना बड़ा दीजिये को आप जॉब छोड़ भी जाये तो भी आपकी कोई आसानी से भर न पाये .
नौकरी में हमेशा एक बात याद रखना जो की डॉ .APJ ABDUL KALAM द्वारा कही गयी है “आप अपने काम से प्यार करो कंपनी से नहीं क्योकि आप नहीं जानते कब आपकी कंपनी आपको प्यार करना बंद कर दे ” ( इसका ये मतलब बिलकुल भी नहीं है की आप कंपनी के खिलाफ हो जाये .आप और आपका परिवार उस कंपनी से ही चलता है इसलिए जॉब और कंपनी दोनों का सम्मान करे )
ये केवल मेरे अनुभव के विचार है आपके सवाल में उचित उत्तर देने का एक छोटा सा प्रयास किया है मैंने अपना अपने अनुसार सही निर्णय ले
एक बात गांठ बाँध ले –
कुछ भी हो जाये पर इस्तीफा वापस लेने का ना सोचे। एक बार इस्तीफा दे दिया तो आगे का सोचे।
अगर आपका मैनेजर आपकी तनख्वा बढ़ाने की भी बात करें तो भी इस्तीफा वापस लेने की ना सोचे और मै आपको बताता हूँ क्यों —
- क्युकी अगर वो आपको जायदा पैसो पर रख भी लेते है तो आप भविष्य के लिय उनकी नज़रो मे आ चुके है की ये इंसान पर हम भरोसा नहीं कर सकते और ये पैसो के लिए कभी भी छोड़ कर जा सकता है।
- अगर वो आप के पैसे बढ़ा भी रहे है तो मतलब उनको आपकी ज़रूरत है पर वो पहली बात हमेशा ध्यान मे रखेंगे और जिस दिन आपकी जरुरत नहीं रही तो सबसे पहले आप ही निशाना बनेंगे।
- दूसरी बात ये की जायदातर कम्पनीज मे इस्तीफा वापस लेने पर बांड सिग्नेचर करना पड़ता है जिसमे ये लिखा होता है की आप अगले 6 महीने या साल भर तक छोड़ नहीं सकते जिसका फायदा वो एनुअल अप्रैज़ल के वक़्त उठाते है।
कुल मिलाकर बात ये है की अगर आपने फैसला कर ही लिया है इस्तीफा देने का तो अब जायदा मत सोचिये और नयी कंपनी और काम की तयारी करें!