
इसकी कई वजह हो सकती है मगर जो मुख्य वजह है जिसे मैं मानता हूं वह है सीनियर द्वारा आपको किस तरह से जज किया जाता है
या फिर आप काम को किस तरह से कर पाते हैं 60-65 हजार की लालच इस कदर मन में बैठ जाती है कि इस से दूर होने का मोह को त्याग ही नहीं पाते हैं फिर चाहे सीनियर की गालियां खानी पड़े या फिर तलवे ही क्यों न चाहत ना पड़ जाए
आप चाहे दिन रात गधे या कोल्हू के बैल की तरह ही काम क्यों न कर लो अगर सीनियर से अच्छा तालमेल ना बना पाए तो समझो आपकी नौकरी जानी तय है
कंस्ट्रक्शन के काम में संडे को भी आप छुट्टी मांगने जाओगे तो सीनियर को ऐसा लगेगा जैसे उसकी किडनी मांग रहे हो और
सबसे बड़े म****** तो सीनियर के चमचे होते हैं आप चाहे कंपनी के लिए जान ही क्यों ना लगा दो अगर आप की चमचों से नहीं पटी तो समझ लो आपका हगना Moot हराम हो जाएगा
पल-पल की खबरें सीनियर तक पहुंचती रहेंगी
मैं टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड में डिप्टी मैनेजर के पद पर कार्यरत था और प्रोजेक्ट का साइड इंचार्ज था यह एक तरह का कंस्ट्रक्शन का काम है
किसी भी हालत में आपको साइट को चलाए रखना पड़ता है फिर चाहे कांट्रेक्टर को कंपनी पेमेंट 1 महीने में करें या 6 महीने में कांट्रेक्टर को सही रेट मिले या ना मिले आपको काम करवाना ही है क्योंकि आपको 60 से 65000 जो कमाने हैं
ऊपर से क्लाइंट की जी हजूरी करो उसकी हमेशा चाटते रहो जी सर यस सर साले क्लाइंट को पेपर के अलावा प्रैक्टिकल नॉलेज तो होता नहीं मगर ज्ञान ऐसे पेलते हैं
जैसे यह सभी इंजीनियरिंग डिजाइन और रेट इन्हीं ने लिखे हो यह सब मैं अपनी फ्रस्ट्रेशन आज निकाल रहा हूं जबकि मुझे नौकरी छोड़े हुए 3 साल हो चुका है
आप समझ गए होंगे कि इन्हीं कारणों के चलते मुझे नौकरी छोड़नी पड़ी सच कहूं तो नौकरी छोड़ने पर दबाव बनाया गया साइड की समस्याओं को मैनेजर को कोई मतलब नहीं है
काम मतलब काम आओ ना देखा ताव पेल दिया एजीएम और मैनेजर को बस फिर क्या था गुड़गांव से hr का फोन आ गया तुरंत दिल्ली पहुंचने को बोला
दो-तीन घंटे कारपोरेट ऑफिस में बैठाया फिर मुलाकात हुई जीएम से vahan per bhi yah log torcher karne lage Main To Pahle Se Hi Bhara hua tha bus FIR kya tha jaise hi usne bola Tumhare kam se खुश Nahin Hai tum yah to resign kar do yah company chhod pad Jayegi
turant Ek resignation likha aur fek ke HR ke Munh per Maar Diya.
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